peeth dard: upachaar, kaaran aur lakshan | पीठ दर्द: उपचार, कारण और लक्षण

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 पीठ का दर्द

मांसपेशियों में जकड़न के कारण ज्यादातर पीठ का दर्द होता है। ये मांसपेशियां घायल या चोटग्रस्त भाग को बचाने के लिए कड़ी हो जाती हैं। इस जकड़न की वजह से रीढ़ की हड्डी का आकार बिगड़ जाता है और वह अस्थाई रूप

से एक ओर मुड़ जाती है। लम्बे समय तक जोड़ों पर खिचाव पड़ते रहने के कारण, इसकी मुलायम कोशिकाओं पर दबाव पड़ने के कारण, मांसपेशियों में दर्द होने से कमरदर्द की शुरूआत होती है। किसी-किसी को उम्र के साथ जोड़ों का दर्द व सूजन की शिकायत होती है। शुरू में जोड़ों का दर्द होता है जो आगे चलकर अर्थराइटिस में बदल जाता है।


कारण

  • दुर्घटना की वजह से गर्दन या रीढ़ की हड्डी को नुकसान होने से कमर दर्द की शुरूआत होती है।
  • जोड़ों में खिंचाव की वजह से कमर दर्द की शुरूआत होती है।
  • डिस्क के घिस जाने से या जैली (ल्युब्रीकैन्ट) लीक होने की वजह से हड्डियां आपस में रगड़ती हैं जिससे दर्द होता है|
  • कमर झुकाकर बोझ उठाने से साइटिका का दर्द हो सकता है।
  • गर्भावस्था में भ्रूण द्वारा साइटिका नर्व पर दबाव पड़ने से कमर दर्द हो सकता है जो प्रसूति (डिलीवरी) के बाद समाप्त हो जाता है।
  • अचानक धक्का लगने या कूल्हे के बल गिरने से भी कमर दर्द होता है।
  • एक कन्धे पर बैग या ब्रीवकेस लादने से कमर दर्द हो जाता है।
  • टेलीफोन रिसीवर या मोबाइल को कान और कन्धे के बीच में दबाकर बात करने से सर्वाइकल का दर्द होता है।
  • कम्प्यूटर का काम करते समय या एक ही स्थिति में बैठे रहकर काम करने से सर्वाइकल का दर्द होता है।
  • चीख-चीख कर रोने से पीठ में दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द हो सकता है।


धूम्रपान से पीठ की मांसपेशियों को रक्त की सप्लाई में कमी आ सकती है। इस कारण से हड्डियों में जकड़न, खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होना आदि शिकायतें पैदा होती हैं जिससे कमर दर्द होता है।


लक्षण

उठने-बैठने और झुकने में परेशानी होना या ठीक से सो नहीं पाना।

घरेलू कार्य करते समय दर्द होना या कमर में सूजन आना।


उपचार

एरंड के पत्तों पर सरसों का तेल लगाकर हल्का गर्म करें और उसे कमर पर बांधे। यह सबसे अधिक उपयोगी और कारगर नुस्खा है।

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